आज का विचार – ज़िन्दगी का आईना – परोपकारी विचारो से सजा गुलिस्तां

आज का विचार – ज़िन्दगी का आईना – परोपकारी विचारो से सजा गुलिस्तां


"शुभ और नेक  विचार ज़िन्दगी का आईना होते है , जो इंसान को समय समय पर अपनी जिमेदारियों के  प्रति जागरूकता का एहसास दिलाते है और हमे नेक और सच्चे  रास्ते पर  चलने  की प्रेरणा देते है "

ईश्वर का वरदान

आपकी मुस्कराहट आपके चेहरे पर ईश्वर का वरदान है ।
उसको क्रोध करके करके मिटाने की अथवा आंसुओं से धोने की कोशिश न करे ।
जीवन में कभी किसी से अपनी तुलना न करे,आप जैसे है , सर्वश्रेष्ठ है ।
ईश्वर की हर रचना अपने आप में सबसे उत्तम और अद्भुत है ।
आस्था

एक बार, सभी ग्रामीणों ने बारिश के लिए प्रार्थना करने का फैसला किया।
प्रार्थना के दिन सभी लोग इकट्ठे हुए लेकिन केवल एक लड़का छाता साथ लेकर आया ।

Faith.

Once , all villagers decided to pray for rain.
On the day of prayer all people gathered but only one boy came with umbrella.

विश्वास

जब आप हवा में एक वर्ष के नन्हे बच्चे को हवा में उछालते है ।
वह हँसता है क्योंकि वह जानता है कि उसके पिता उसे पकड़ेंगे ।

Trust

When you toss a one year old boy baby in the air.
he laugh because he knows his father will catch him.

आशा

हर रात हम बिस्तर पर जाते हैं,
लेकिन अगली सुबह हम जागेंगे या नहीं इसका कोई पक्का कोई आश्वासन नहीं है,
लेकिन तब भी हम , सुबह के लिए अलार्म लगाते करते है ।

Hope

Every night we go to bed,
We have no assurance to wake up alive next morning,

But still we set alarm for tomorrow.
आज का शुभ विचार – आशा , विश्वास , आस्था – परोपकारी विचारो से सजा गुलिस्तां

तक़दीर

फर्क होता है , खुदा और फ़क़ीर में 
फर्क होता है , किस्मत और लकीर में 
अगर कुछ चाहो और वो न मिले 
तो समझ लेना की कुछ और अच्छा 
लिखा है तक़दीर में

सम्मान और सत्कार

अपने से बड़ो और बजुर्गो से बात करने का तरीका आपकी
“तमीज” दर्शाता है .
अपने से छोटों और अपने अनुजों से बात करने का तरीका आपकी 
“परवरिश ” दर्शाता है. 
अपने शब्दों में ताकत डालें , आवाज में नहीं
क्योंकि बारिश से फूल उगते हैं, बाढ़ से नहीं

आत्म ज्ञान

दुसरो को समझना बुद्धिमानी है , खुद को समझना असली ज्ञान
दुसरो को काबू करना बल है , और खुद को काबू करना बास्तविक शक्ति है
जिसने संसार को बदलने की कोशिश की वो हार गया 
और जिसने खुद को बदल लिया वो जीत गया !

शख्सियत

शख्सियत अच्छी होगी तभी तो दुश्मन बनेगे 
वरना बुराई की तरफ देखता ही कौन है
लोग पत्थर भी उसी पेड़ पर मारते है जो फलों से लदा होता है
कभी देखा है किसी को सूखे पेड़ पर पत्थर मारते हुए"

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